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Wednesday, January 22, 2025

gam ke sahaare chhod gye hain (ग़म के सहारे छोड़ गए हैं)

ग़म के सहारे छोड़ गए हैं

दर्द के इस सागर में खो गए हैं,
खुशियों के पल अब कहीं सो गए हैं।
जिसे चाहा था दिल की गहराइयों से,
वही आज हमें ग़म के सहारे छोड़ गए हैं।

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