Search Indian Shayari

Monday, December 9, 2024

चाहकर भी

चाहकर भी


चाहकर भी किसी से कुछ नहीं कह पाए,
दिल में जो था, वो राज़ अब न खोल पाए।
हर दर्द को अपनी हँसी में छुपा लिया,
पर आँखों से बहते आंसू न रोक पाए।

You Might Also Like

    Listen to this post
    1x

    No comments:

    Post a Comment