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Tuesday, December 10, 2024

गिरना भी अच्छा है, औकात का पता चलता है ( हरिवंश राय बच्चन की कविता )

गिरना भी अच्छा है,  औकात का पता चलता है

गिरना भी अच्छा है,

औकात का पता चलता है,

और हारना इसलिए क़ी सामने वाले क़ी चाल समझ में आ जाता है

बढ़ते है जब हाथ उठाने को,

अपनों का पता चलता है।

जिन्हे गुस्सा आता है,

वो लोग सच्चे होते है।

मैंने झूठो को अक्सर,

मुसकुराते हुए देखा है।

सीख रहा हूँ अब मै भी,

इन्सानों को पढ़ने का हुनर।

सुना है चेहरे पे,

किताबों से ज्यादा लिखा होता है।

हारना तब आवश्यक हो जाता है,

जब लड़ाई अपनों से हो

और जीतना तब आवश्यक हो जाता है,

जब लड़ाई अपने आप से हो।

मंज़िले मिले , ये तो मुकद्दर की बात है ,

हम कोशिश ही न करे, ये तो गलत बात है।

किसी ने मुझसे पूछा कि,

आप इतने शांत क्यो हो ?

तब मैने बड़ा अच्छा जवाब दिया,

मेरा अतीत भी शौर्य और भविष्य भी शौर्य से भरा हुआ है ,

तो गर्मी किस बात क़ी

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