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Friday, January 5, 2024

कोशिश कर हल निकलेगा (Poetry by Anand Param)

कोशिश कर हल निकलेगा


कोशिश कर हल निकलेगा
आज नहीं तो कल निकलेगा

अर्जुन के तीर सा साध,
मरुस्थल से भी जल निकलेगा

मेहनत कर, पौधे को पानी दे,
बंजर ज़मीन से भी फल निकलेगा

ताकत जूता, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी बाल निकलेगा

जिंदा रख दिल में उम्मीदों को,
जिंदा रख दिल में उम्मीदों को,
गरल के समुंदर से भी गंगाजल निकलेगा

कोशिशें जारी रख कुछ कर गुज़रने की,
जो आज है थमा थमा सा,
चल निकलेगा

कोशिश कर हल निकलेगा,
आज नहीं तो कल निकलेगा

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