मैं एक किसान हूँ
"पेट भरने की जिम्मेदारी मुझ पर है ,
"किसान" हूँ, बोझ भारी मुझ पर है ll
धूप, बारिश, कडाके की ठंड से,
मौसम की गोलाबारी मुझ पर है ll
सरकार के हर एक वादे में मैं हूँ,
जैसे रहमत सरकारी मुझ पर है ll
गमले रखके क्या समझते हो तुम,
पर्यावरण की पहरेदारी मुझ पर है ll
नोकर नहीं, मालिक हूँ अपने खेत का,
क्यों घृणा की नजर तुम्हारी मुझ पर है ll"
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