बेशक हरजाई है
लड़की होने की मैंने बड़ी कीमत चुकाई है
सही होकर भी मैंने हमेशा गर्दन झुकाई है
होंठो पे मेरे सदा देखोगे तुम मुस्कान
नहीं देख पाओगे जो आंखों में दरिया छुपाई है
जाना पड़ता है महफ़िल में भी दिखावे के लिए
मगर दिल मेरे बसी सिर्फ तन्हाई है
ना करे चाहे वो कद्र मेरी ज़रा भी
मगर मेरी जान है वो, बेशक हरजाई है।।
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