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Wednesday, February 16, 2022

आज कुछ और बात है . . .

आज कुछ और बात है . . .



तन्हाई की यह कुछ
ऐसी अजब रात है
तुझसे जुडी हुई
हर याद मेरे साथ है
तड़प रहा है तनहा चाँद
बिना चांदनी के
इस अंधेरी रात में 
आज कुछ और बात है . . .

 

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