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Thursday, July 3, 2014

रोए भी तो कैसे ‘कोई’ पास कहाँ है..

रोए भी तो कैसे ‘कोई’ पास कहाँ है..

रात हो गयी पर नींद कहाँ है,
सो जाऊं पर वो प्यारा साथ कहाँ है,
कुछ सुनूँ पर वो प्यारी सी आवाज़ कहाँ है,
रोए भी तो कैसे ‘कोई’ पास कहाँ है..

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