Search Indian Shayari

Wednesday, March 19, 2014

जो मुझे अब भी बदनाम करती हैं

जो मुझे अब भी बदनाम करती हैं

मैं जानता हूँ ,ये शराब मेरी जान लेती हैँ ।
कमब्कत ,उस बेवफा से तो अच्छा है
जो मुझे अब भी बदनाम करती हैं।

You Might Also Like

    Listen to this post
    1x

    No comments:

    Post a Comment