Friday, February 17, 2017

कोई मिलता ही नहीं हमसे हमारा बनकर

कोई मिलता ही नहीं हमसे हमारा बनकर

कोई मिलता ही नहीं हमसे हमारा बनकर,
वो मिले भी तो एक किनारा बनकर,
हर ख्वाब टूट के बिखरा काँच की तरह,
बस एक इंतज़ार है साथ सहारा बनकर..  

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