Thursday, February 8, 2024

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है


नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है,
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

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